लखनऊ के विशेष न्यायालय ने बाबरी विध्वंस केस के सभी 32 आरोपियों को इस मामले में ससम्मान बरी कर दिया है। न्यायाधीश के द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय में कुल 27 आरोपी ही उपस्थित थे। शेष 5 आरोपी स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नयायालय में आभासी रूप से उपस्थित थे। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और नृत्य गोपालदास शामिल थे।

वहीं रामविलास वेदांती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, सहित अन्य आरोपी न्यायालय में सशरीर उपस्थित थे। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि इस मामले में सभी ३२ आरोपियों के विरूद्ध, किसी भी षड्यंत्र में शामिल होने का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है। अतः इन्हें ससम्मान बरी किया जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है। वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनियुक्त अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि धर्मो रक्षति रक्षितः।
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